मुजफ्फरनगर के डीएसओ को न्यायिक हिरासत में भेजा जेल, जानें क्‍या है मामला

मुजफ्फरनगर के डीएसओ को न्यायिक हिरासत में भेजा जेल, जानें क्‍या है मामला

कलंक के खिलाफ : डीएसओ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

मुजफ्फरनगर के डीएसओ को न्यायिक हिरासत में भेजा जेल, जानें क्‍या है मामला

डीएसओ मुजफ्फरनगर बीके शुक्ला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने डीएसओ को दोपहर बाद सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया। इसके अलावा एक अन्य अभियुक्त को भी जेल भेजा गया था।

सहारनपुर पुलिस ने 12 दिसंबर को आईओसी की पाइप लाइन में सेंधमारी कर तेल चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया था, जिसमें आठ अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पूछताछ में डीएसओ मुजफ्फरनगर कार्यालय में तैनात एक रिटायर्ड कर्मचारी श्रीराम का नाम सामने आया था। जो तेल चोरी कर बेचने वालों से अवैध वसूली करते थे। अगले दिन श्रीराम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। जिसके बाद डीएसओ मुजफ्फरनगर बीके शुक्ला का नाम भी सामने आया था। शुक्रवार को पुलिस ने डीएसओ को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को डीएसओ मुजफ्फरनगर बीके शुक्ला को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

आईओसी की पाइप लाइन से डीजल चोरी प्रकरण में अवैध डीजल पम्प संचालक से वसूली करने के आरोप में मुजफ्फरनगर के डीएसओ बीके शुक्ला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मामले की तफ्तीश जारी है।

आकाश तोमर, एसएसपी

-30 हजार रुपये महीना लेते थे, खर्चा पानी अलग से

सहारनपुर। डीएसओ मुजफ्फनगर के गिरफ्तार होने के बाद पूछताछ में कई खुलासे हुए। पुलिस के मुताबिक, डीएसओ बीके शुक्ला और चपरासी श्रीराम दोनों काफी समय से एक साथ काम कर रहे थे। श्रीराम के माध्यम से ही रिश्वत ली जाती थी। मुजफ्फरनगर में उदित कुमार, कुशलवीर सिंह, शहनवाज उर्फ शहजाद, इकराम जो मुजफ्फरनगर में अपने-अपने क्षेत्र में पेट्रोल बायो-डीजल पम्प संचालन करने और इस पर सरकारी पाइप लाइन से चोरी किए पेट्रोल-डीजल को बेचने के एवज में इन लोगों से 30 हजार रुपये महीना लिया जाता था। जबकि, खर्चा पानी अलग से लेते रहते थे। दोनों के बीच में संबंध इतने गहरे थे कि जून माह में रिटायर्ड होने के बावजूद श्रीराम पहले की तरह की डीएसओ के कार्यालय में काम कर रहे थे।

-मोबाइल सीडीआर से फंसे

पहले तो डीएसओ ने श्रीराम से किसी तरह के संबंध होने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने श्रीराम के मोबाइल की सीडीआर खंगाली थी। सीडीआर में डीएसओ भी फंस गए।